ढाई साल से सामुदायिक स्वच्छता परिसर निर्माणाधीन
जनपद क्षेत्र देवसर के ग्राम पंचायत बरका का मामला, जंप के जिम्मेदार अधिकारी भी बेसूध
जनपद पंचायत क्षेत्र देवसर के ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी चरम सीमा पर है। अधिकारी भ्रष्टाचार को रोकने में अक्षम साबित हुये हैं। जिसका जीता जागता उदाहरण ग्राम पंचायत बरका में कॉलेज चौराहा के पास सामुदायिक स्वच्छता परिसर का है। जहां ढाई साल से निर्माणाधीन है। इसकी खोजखबर स्वच्छता प्रभारी से लेकर जनपद एवं जिला पंचायत के अधिकारी नही ले रहे हैं।
दरअसल देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अति महत्वकांक्षी योजना स्वच्छ भारत अभियान को प्रदेश सरकार के नुमाईन्दे ही पलीता लगाने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहे हैं। इसकी बानगी देवसर जनपद पंचायत क्षेत्र के ग्राम पंचायत बरका का है। यहां के ग्रामीण अशोक जायसवाल बताते हैं कि करीब ढाई साल पहले शासकीय महाविद्यालय बरका चौराहा के यात्री प्रतिक्षालय के पीछे लाखों रूपये की लागत से ग्राम पंचायत के द्वारा सामुदायिक स्वच्छता परिसर का निर्माणकार्य आरम्भ कराया गया। किन्तु करीब ढाई साल बाद भी सामुदायिक स्वच्छता परिसर का कार्य पूर्ण नही हो पाया। महिला प्रसाधन एवं विकालांग प्रसाधन के अन्दर का कार्य सब कुछ अधूरा है। स्वच्छता भवन की बाहर से रंगाई पोताई कर दरवाजा लगा दिया गया और स्वच्छता का स्लोगन भी वाल में कराकर ग्राम पंचायत के सरपंच व रोजगार सहायक अधिकारियों से वाहवाही ले लिया। इतना ही नही बोर के नाम उत्खनन कराया गया। आज तक मोटर पाइप भी नही लगा है। बिजली कनेक्शन की बात कोसो दूर है। आरोप है कि ग्राम पंचायत में सामुदायिक स्वच्छता परिसर के नाम पर लाखों रूपये का वारा-न्यारा कर अपनी जिम्मेदारी को पूर्ण कर अब बजट का टोटा बताकर कार्य पूर्ण कराने में पंचायत के द्वारा आनाकानी एवं टालमटोल कर तरह-तरह की बहानेबाजी की जा रही है। जबकि इसकी शिकायत जिला एवं जिला पंचायत तक की जा चुकी है। यहां के ग्रामीणों ने इस ओर कलेक्टर का ध्यान आकृष्ट कराया है।
ट्रैंक का गड्ढा खोद भूला पंचायत
यहां के ग्रामीण बताते हैं कि जिस वक्त सामुदायिक स्वच्छता परिसर के भवन का कार्य चल रहा था। उसी दौरान शौचालय टैंक के लिए गड्ढा भी खोदा गया। लेकिन आज तक इस टैंक को नही बनाया गया है। जहां छोटे बच्चों एवंं मवेशियों के गिरने की सम्भावना बढ़ने लगी है। यहां के ग्रामीण बताते हैं कि जून माह के चौथे सप्ताह में एक 5 साल का बालक इसी टैंक के गड्ढे में गिर पड़ा था। गनिमत रही की उस वक्त पानी नही भरा था। वरना बड़ा हादसा भी हो सकता था। आरोप है कि ग्राम पंचायत इस मामले में उदासीन है।
इनका कहना:-
अभी तक ऐसी कोई जानकारी हमारे यहां तक नही पहुंची है। यदि ऐसा है तो इसकी जांच कराई जाएगी और जो भी दिक्कते आ रही होंगी उसका निराकरण कराया जाएगा। संजीव तिवारी
सीईओ जनपद पंचायत, देवसर
ढाई साल से सामुदायिक स्वच्छता परिसर निर्माणाधीन
Pradeep Tiwari
मैं, प्रदीप तिवारी, पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता से जुड़ा हूँ। सबसे पहले, मैं एक स्थानीय समाचार चैनल में एक रिपोर्टर के रूप में शामिल हुआ और फिर समय के साथ, मैंने लेख लिखना शुरू कर दिया। मुझे राजनीति और ताज़ा समाचार और अन्य विषयों से संबंधित समाचार लिखना पसंद है।
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