प्रो. रमेश चंद ने 2 अगस्त से 7 अगस्त तक होने वाले कृषि अर्थशास्त्रियों के 32वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को लेकर आज नई दिल्ली में प्रेसवार्ता की75 देशों से 740 सदस्य इस सम्मेलन में भाग लेंगे] 45 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी होगी & प्रो] रमेश चंद
सम्मेलन में सतत विकास की बढ़ोत्तरी कार्यक्रम पर ध्यान रहेगा & प्रो] रमेश चंद
नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर रमेश चंद ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद आईसीएआर&राष्ट्रीय कृषि अर्थशास्त्र संस्थान में 2 अगस्त से 7 अगस्त तक होने वाले कृषि अर्थशास्त्रियों के 32वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को लेकर आज पूसा संस्थान नई दिल्ली में प्रेसवार्ता की। आईसीएआर के महानिदेशक डॉ] हिमांशु पाठक] अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान दक्षिण एशिया के निदेशक श्री शाहीदुर राशीद] सम्मेलन के सचिव श्री पीके जोशी व डॉ] प्रताप एस बिरथल शामिल थे।
प्रो] रमेश चंद ने कृषि अर्थशास्त्रियों के 32वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन से पूर्व प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि अर्थशास्त्रियों की एसोसिएशन बहुत पुरानी है। भारत में सबसे पहले 1958 में यह सम्मेलन हुआ था और अब 66 साल के बाद होगा। 1958 में जब यह सम्मेलन हुआ तब देश ग़रीबी] भूखमरी आदि कई समस्याओं से जूझ रहा था। इस सम्मेलन में आये डेलीगेट्स अब एक बदला भारत देखेंगे। देश अब विकसित भारत की बात कर रहा है। विकसित भारत में प्रति व्यक्ति आय 12 & 13 हजार डॉलर है जो रियल टाइम में 18 हजार डॉलर 2047 तक बढ़ाने का लक्ष्य है। हम उसी पर फोक्सड हैं और उसी दिशा में काम कर रहे हैं। हम अब कृषि कमोडिटी से हटकर हॉलीस्टिक की तरफ जा रहे हैं। अब फोकस फूड सिस्टम अप्रोच और सतत विकास पर होगा। आने वाली पीढ़ी को ध्यान में रखते हुए काम करेंगे। सम्मेलन में सतत विकास की बढ़ोत्तरी कार्यक्रम पर ध्यान रहेगा। इस सम्मेलन का विषय है- स्थायी कृषि&खाद्य प्रणालियों की ओर परिवर्तन।