डीजल के खेल में ओबी कंपनियों पर मेहरवान है एनसीएल प्रबंधन
आम आदमी पार्टी के नेता ने कहा कि डीजल के खेल में करोड़ रूपये का हो रहा वारा न्यारा
नवभारत न्यूज
सिंगरौली 29 जून। यूपी से एमपी के तुलना में सस्ते दर पर डीजल खरीदकर सिंगरौली एनसीएल परियोजनाओं में ओबी कंपनियां खपा रही हैं और इन्हें 92 लीटर रूपये प्रति लीटर से एनसीएल प्रबंधन बिना किसी हस्तक्षेप के भुगतान भी कर दे रहा है।
डीजल के इस खेल में ओबी कंपनियों के कर्ताधर्ताओं से एनसीएल प्रबंधन का सांठगांठ है। इसीलिए अब तक एनसीएल प्रबंधन चुप्पी साध रखा है। उक्त आरोप आप के नेता जिला अध्यक्ष राजेश सोनी ने लगाया है। उन्होंने एनसीएल प्रबंधन पर ओबी कंपनी कलिंगा एवं पीसी पटेल, कंडोई, चड्ढा कंपनी के साथ सांठगांठ होने का आरोप लगाते हुये कहा है कि जब एनआईटी में ओबी कंपनियों को स्थानीय स्तर पर फिलिंग स्टेशनों से डीजल खरीदी करने के लिए एग्रीमेंट हुआ है। फिर यूपी के मुगलसराय एवं अन्य स्थानों से क्यो खरीदा जा रहा है। यूपी में करीब 85 रूपये डीजल है। वही म.प्र. में करीब 92 रूपये लीटर है। यही 7 रूपये प्रति लीटर एमपी और यूपी के बीच अन्तर है और इसी 7 रूपये में खेला ओबी कंपनी कलिंगा सहित अन्य कर रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया की जब एनसीएल परियोजना झिंगुरदह में कलिंगा ओबी कंपनी का डीजल स्टोरेज लाईसेंस नही है। फिर यहां डीजल कहां से आ रहा है और अप्रैल महीने के पूर्व में अमलोरी खदान में भी डीजल स्टोरेज लाईसेंस नही था। तो फिर एनसीएल प्रबंधन भुगतान कैसे कर दे रहा है। उन्होंने आगे कहा है कि म.प्र. सरकार को महीने में कई करोड़ रूपये के चपत लगाते हुये राजस्व क्षति पहुंचाया जा रहा है और इस मामले मे एनसीएल प्रबंधक चुप्पी साध रखी है। वही जिला प्रशासन के साथ-साथ जीएसटी टीम भी कार्रवाई करने से परहेज क्यो कर रहा है। इसकी पेट्रोलियम एवं कोयला खान मंत्री तथा म.प्र सरकार उसकी उच्च स्तरीय जांच कराये तो कई करोड़ों रूपये का घोटाला सामने आएगा।
डीजल के खेल में ओबी कंपनियों पर मेहरवान है एनसीएल प्रबंधन
Pradeep Tiwari
मैं, प्रदीप तिवारी, पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता से जुड़ा हूँ। सबसे पहले, मैं एक स्थानीय समाचार चैनल में एक रिपोर्टर के रूप में शामिल हुआ और फिर समय के साथ, मैंने लेख लिखना शुरू कर दिया। मुझे राजनीति और ताज़ा समाचार और अन्य विषयों से संबंधित समाचार लिखना पसंद है।
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