राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 18वीं लोकसभा के अपने पहले संबोधन में आपातकाल समेत कई बातों का जिक्र किया। उधर विपक्षी गठबंधन ने इस पर निशाना साधा है। विपक्ष के अनुसार राष्ट्रपति के संबोधन की स्क्रिप्ट सरकार ने उपलब्ध कराई और यह झूठ से भरी हुई थी
लोकसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं द्वारा आपातकाल पर की गईं टिप्पणियों को लेकर हंगामा मचा ही हुआ था कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी अपने संबोधन में वर्ष 1975 के उस दौर का जिक्र किया। विपक्षी गठबंधन ने इसे लेकर अपनी नाराजगी जताई है। विपक्ष के नेताओं का कहना है कि राष्ट्रपति के संबोधन की स्क्रिप्ट सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई थी और यह झूठ से भरी हुई थी। विपक्ष ने सदन में आपातकाल को लेकर लगातार बयानबाजियों पर भी सरकार को आड़े हाथों लिया।
आपको बता दें कि 18वीं लोकसभा के गठन के बाद संसद की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति ने अपने पहले संबोधन में आपातकाल पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि 25 जून 1975 को लागू किया गया आपातकाल संविधान पर सीधा हमला था। जब इसे लगाया गया तो पूरे देश में हाहाकार मच गया था, लेकिन देश ने ऐसी असंवैधानिक ताकतों पर विजय प्राप्त की है।
‘जिन्हें आपातकाल के दौरान जेल में डाला, उनके लिए भाजपा ने क्या किया’
राष्ट्रपति के संबोधन के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने उन लोगों के लिए क्या किया, जिन्हें आपातकाल के दौरान जेल में डाला गया था? जबकि, समाजवादी पार्टी ने उन लोगों को सम्मान और पेंशन दी। अखिलेश यादव ने आगे कहा ‘सत्तारूढ़ दल द्वारा भारत को विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बताया जाता है। क्या इसने देश के किसानों को समृद्धि बनाया? अगर भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है , तो इतने सारे युवा बेरोजगार क्यों हैं? देश में अग्निवीर योजना क्यों है? महंगाई पर लगाम क्यों नहीं लगाई जा रही?