डीएमएफ से फिर होगी करोड़ों रूपये की सामग्री खरीदी
डीएमएफ सिंगरौली की 29 जून को हुई बैठक में हुआ था निर्णय, 29 सितम्बर को जारी हुआ था आदेश
सिंगरौली जिला खनिज प्रतिष्ठान सिंगरौली की 27 जून 2024 को न्यास मण्डल की 21वीं बैठक कलेक्ट्रोरेट सभागार में आयोजित की गई थी। जहां कई विभागो में एक बार फिर से करोड़ों रूपये के विभिन्न सामग्रियां क्रय करने के लिए 29 सितम्बर को मंजूरी देते हुये आदेश जारी किया है। हालांकि यह आदेश पूर्व में पदस्थ कलेक्टर चन्द्रशेखर शुक्ला के कार्यकाल का है।
ज्ञात हो कि न्यास मण्डल, जिला खनिज प्रतिष्ठान सिंगरौली की बैठक पिछले वर्ष 27 जून 2024 को न्यास मण्डल की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी। बैठक में न्यास मण्डल के अध्यक्ष एवं कलेक्टर चन्द्रशेखर शुक्ला, बतौर सदस्य के रूप में राज्यमंत्री राधा सिंह, सांसद डॉ. राजेश मिश्रा, विधायक रामनिवास शाह, राजेन्द्र मेश्राम, विश्वामित्र पाठक, कुंवर सिंह टेकाम, जिला पंचायत अध्यक्ष सोनम सिंह, महापौर रानी अग्रवाल, नपानि अध्यक्ष देवेश पाण्डेय, सीईओ जिला पंचायत पदेन सदस्य सचिव, न्यास मण्डल डीएमएफ, खनि अधिकारी आकांक्षा पटेल, कार्यपालन यंत्री लोनिवि व्हीके चौरसिया, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास एनकेएस मरकाम एवं जिला शिक्षा अधिकारी एसबी सिंह सदस्य न्यास मण्डल मौजूद थे। बैठक में जिला खनिज प्रतिष्ठान सिंगरौली की निधि से स्वीकृत कार्यो, परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा, नवीन प्रस्तावों एवं कार्यो की स्वीकृति पर चर्चा तथा आय-व्यय के लेखाओं की समीक्षा की गई। बैठक में चर्चा एवं विचार विमर्श उपरांत कई निर्णय लिये गये। जिसमें वित्तीय वर्ष 2025-26 की वार्षिक कार्य योजना, वित्तीय वर्ष 2024-25 का वार्षिक प्रतिवेदन, स्वीकृति के लिए नवीन कार्यो पर चर्चा एवं उसके प्रगति समेत अन्य कई बिन्दुओं पर चर्चा की गई। इसके बाद कई कार्यो को न्यास मण्डल ने हरी झण्डी दिया है। वित्तीय वर्ष 2025-26 की वार्षिक कार्ययोजना के भाग-क में जिले में उपलब्ध राशि करीब 160 करोड़ रूपये को उच्च एवं अन्य प्राथमिकता क्षेत्र में खपाने की खर्च करने की योजना बनाई गई है। लेकिन सूत्र बताते हैं कि स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा, महाविद्यालयों, छात्रावासो समेत कई विभागों में विभिन्न सामग्री, फर्नीचर, कम्प्यूटर व अन्य खरीदने के लिए 29 सितम्बर 25 को मंजूरी मिली है। चर्चाएं की जा रही है कि पूर्व की भांति इस बार भी सामग्रियों की खरीदी में भ्रष्टाचार की बू आ सकती है। डीएमएफ की राशि का पूर्व में किस कदर दुरूपयोग हुआ है, यह बात किसी से छुपी नही है। बहरहाल वित्तीय वर्ष 2025-26 भाग-क की राशि में सामग्रियों के क्रय के लिए विभागों को मिली मंजूरी के बाद जारी आदेश को देख लोगबाग तरह-तरह की चर्चाएं करने लगे हैं।
यदि कार्य निरस्त हुआ तो हो सकते हैं कई खुलासे
जानकार बताते हैं कि खनिज प्रतिष्ठान मद पिछले कुछ वर्षो से काफी चर्चाओं में रहा है। कई दलाल एजेंसियों को मंजूर कराने का इतना दम भरते थे कि कभी-कभी उनकी बात सच भी हो जाती थी। दलाल किसके माध्यम से डीएमएफ की राशि खण्ड-क को मंजूर करा पाने मे ंसफल हो जाते थे, यह कथित दलाल ही बता पाएंगे। लेकिन अब कहा जा रहा है कि यह कलेक्टर द्वारा सामग्रियों के क्रय संबंधी एवं भवनों के पेंटिग समेत अन्य कार्यो को निरस्त कर दिये तो कई चौकाने वाले मामले सामने आ सकते हैं और कथित विभाग के अधिकारियों की भी ढोल का पोल भी खुल जाएगा। हालांकि यह तो कलेक्टर के पाले में गेंद है।
स्वीकृत कार्यो की समीक्षा कराने की उठने लगी मांग
जिले में पिछले चार वर्षो तक डीएमएफ की राशि जारी होने और कुछ चर्चित एजेंसियों के कामकाज को लेकर जिला प्रशासन की जमकर किरकिरी होती आ रही है। विपक्षी दल के कई नेताओं का आरोप है कि जिला खनिज प्रतिष्ठान के मद में व्यापक तौर पर राशि की बंदरबांट हुई है और इसके आड़ में कई दलालों ने धन की उगाही-बगाही की है। अब नवागत कलेक्टर गौरव बैनल से प्रबुद्धजन काफी उम्मीदें लगाये बैठे हैं कि अब खनिज प्रतिष्ठान मद की राशि में बंदरबांट एवं कमिशनखोरी तथा बेजा उगाही-बगाही नही होगी। उक्त स्वीकृत कार्यो की पुन: समीक्षा कराने की मांग की जाने लगी है, ताकि दलालो का भेद खुल जाए।