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वनों के संरक्षण के लिए निधि

Pradeep Tiwari
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वनों के संरक्षण के लिए निधि

 

नवीनतम भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर)-2021 के अनुसार , देश का कुल वन क्षेत्र 7,13,789 वर्ग किलोमीटर है जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 21.71 प्रतिशत है। यह रिपोर्ट देहरादून स्थित भारतीय वन सर्वेक्षण (एफएसआई) द्वारा प्रकाशित की गई है। महाराष्ट्र सहित देश के कुल वन क्षेत्र का राज्यवार विवरण अनुलग्नक-I में दिया गया है।

सरकार ने, हरित भारत के लिए राष्ट्रीय मिशन (जीआईएम), वन्यजीव आवासों का एकीकृत विकास, प्रतिपूरक वनीकरण निधि प्रबंधन और योजना प्राधिकरण (कैम्पा), नगर वन योजना (एनवीवाई) और तटीय आवासों और मूर्त आय के लिए मैंग्रोव पहल (एमआईएसएचटीआई) आदि विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के अंतर्गत धनराशि उपलब्ध कराई है। इस धनराशि का उपयोग राज्य और केंद्र शासित प्रदेश वन क्षेत्रों के भीतरी और बाहरी क्षेत्रों में वन लगाने, वन परिदृश्य बहाल करने, आवास में सुधार करने, मृदा और जल संरक्षण और सुरक्षा के उपाय करने और इसके ज़रिए पारिस्थितिकी की बहाली के लिए कर रहे हैं।

मंत्रालय द्वारा महाराष्ट्र सहित विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पिछले पांच वर्षों और चालू वर्ष के दौरान ग्रीन इंडिया मिशन, कैम्पा, वन्यजीव आवास विकास, नगर वन योजना और मिष्टी आदि के अंतर्गत उपलब्ध कराई गई धनराशि का विवरण क्रमशः अनुलग्नक-II से अनुलग्नक-VI में दिया गया है।

जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय अनुकूलन कोष (एनएएफसीसी) की स्थापना भारत के संवेदनशील राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जलवायु परिवर्तन अनुकूलन परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए की गई थी, जिसमें नाबार्ड राष्ट्रीय कार्यान्वयन इकाई (एनआईई) के रूप में कार्य कर रहा है। एनएएफसीसी के तहत विभिन्न राज्यों में कुल 30 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। 2022 में एनएएफसीसी को योजना से गैर-योजना में बदल दिया गया।

Pradeep Tiwari

Pradeep Tiwari

मैं, प्रदीप तिवारी, पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता से जुड़ा हूँ। सबसे पहले, मैं एक स्थानीय समाचार चैनल में एक रिपोर्टर के रूप में शामिल हुआ और फिर समय के साथ, मैंने लेख लिखना शुरू कर दिया। मुझे राजनीति और ताज़ा समाचार और अन्य विषयों से संबंधित समाचार लिखना पसंद है।

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