रजमिलान कस्बा का अतिक्रमण हटाने में प्रशासन नही ले रहा दिलचस्पी
रोजाना सैकड़ो की संख्या में कोल वाहनों का लगा रहता है आना-जाना, सड़क दुर्घटनाओं में हो रहा है इजाफा प्रशासन मौन
जिले के देवसर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत रजमिलान कस्बा अतिक्रमण के चपेट में आ गया है। वहा के कई ठेला एवं दुकान व्यवसाय सड़क पर ही हो रहा है। जिसके चलते आए दिन विरोध होता है। वही व्यापारी एवं वाहन चालकों के बीच तू-तू मैं-मैं की स्थिति बनी रहती है। वही आरोप है कि प्रशासन अतिक्रमण हटाने के प्रति कोई दिलचस्पी ही नही ले रहा है।
गौरतलब है कि एनर्जी जैन पावर कंपनी बंधौरा कोल वाहन बरगवां-परसौना होते हुए रजमिलान मार्ग से पावर कंपनी पहुंच रहा है। किंतु कोल वाहनों के कोलाहल से आम जनता जहां पिस रही है। वही सबसे बड़ा बाधक अतिक्रमण है। खुटार से लेकर रजमिलान-गड़ाखाड़ तक सड़के अतिक्रमण के चलते सिकुड़ती जा रही है। आलम यह है कि रजमिलान बाजार अतिक्रमण के चलते बड़े वाहनों को पास देने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है यह समस्या आज की नही है करीब डेढ़ दशक से है। आरोप है कि स्थानीय प्रशासन कोई कदम नही उठा रहा है। जबकि यहां बताते चले कि रजमिलान मार्ग के साथ-साथ बाजार में भी कई बार कोल वाहनों से सड़क हादसे भी हो चुके हैं। इसके बावजूद भी प्रशासन की नींद नहीं टूट रही है। अतिक्रमण हटाने न तो जन प्रतिनिधियों के द्वारा कोई कारगर पहल किया जा रहा है और नही प्रशासन कोई जोखिम उठाना चाहता है आरोप यहां तक लग रहे हैं कि अधिकारी केवल अपना समय काट रहे हैं किसी प्रकार का कोई रिस्क नहीं उठाना चाहते हैं ताकि उनकी नौकरी सही सलामत रहे और अपना काम सिद्ध होता रहे इसीलिए प्रबुद्ध जन अब प्रशासन की कार्यशैली पर ही सवाल उठने लगे हैं अब फिलहाल अब देखना है कि जिला प्रशासन रजमिलान बाजार का अतिक्रमण हटाने के लिए कब तक में कठोर कदम उठाता है या फिर इसी तरह अतिक्रमण करने का सिलसिला चलता रहेगा।
रजमिलान कस्बा का अतिक्रमण हटाने में प्रशासन नही ले रहा दिलचस्पी


Pradeep Tiwari
मैं, प्रदीप तिवारी, पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता से जुड़ा हूँ। सबसे पहले, मैं एक स्थानीय समाचार चैनल में एक रिपोर्टर के रूप में शामिल हुआ और फिर समय के साथ, मैंने लेख लिखना शुरू कर दिया। मुझे राजनीति और ताज़ा समाचार और अन्य विषयों से संबंधित समाचार लिखना पसंद है।
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