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मेरीटाइम सुरक्षा और संरक्षा

Pradeep Tiwari
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मेरीटाइम सुरक्षा और संरक्षा

 

बंदरगाहों में सुरक्षा और संरक्षा के लिए निम्नलिखित नई पहलें अथवा प्रौद्योगिकियां प्रारंभ की गई हैं :

  1. मर्चेंट शिपिंग (जहाज और पत्तन सुविधा सुरक्षा) नियम 2024 को केंद्र सरकार द्वारा 19 जून 2024 को अधिसूचित किया गया है। ये नियम सुरक्षा परिपाटी [एसओएलएएस (समुद्र में जीवन की सुरक्षा के लिए अंतर्राष्ट्रीय परिपाटी) और आईएसपीएस संहिता जो एसओएलएएस अध्याय XI-2 के अंतर्गत लागू हुई है] के प्रावधानों के संबंध में बनाए गए हैं
  • II. बड़े बंदरगाहों में रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान प्रणाली और बायोमीट्रिक प्रणाली के उपयोग सहित वर्तमान एक्सेस नियंत्रण प्रणाली के आधुनिकीकरण के लिए कदम उठाए हैं। इसके अतिरिक्त, सभी बड़े बंदरगाहों पर क्लोज्ड सर्किट टेलीविजन (सीसीटीवी) लगाए गए हैं।

 

केरल की तटीय रेखा पर समुद्री सुरक्षा और संरक्षा बढ़ाने के लिए निम्नलिखित उपाय किए गए हैं:

 

  1. तटीय सुरक्षा योजना को सभी तटीय राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में दो चरणों-चरण-I (2005-2011) और चरण-II (2012-2020) में कार्यान्वित किया गया था। इस स्कीम के अंतर्गत, केरल ने 18 तटीय पुलिस स्टेशनों और 02 जेट्टियों की स्थापना की और 24 इंटरसेप्टर नौकाएं (12 टन और 5 टन), 26 चार पहिया वाहन और 56 मोटर साइकिलें खरीदीं।
  • II. तटीय सुरक्षा समीक्षा संबंधी संचालन समिति (एससीआरसीएस) के निर्देशों के अनुपालन में नोडल अधिकारी तटीय सुरक्षा, केरल की नियुक्ति की गई।

 

सागरमाला मंत्रालय की एक प्रमुख केंद्रीय योजना है। सागरमाला योजना के लिए वित्त मंत्रालय द्वारा प्रदान की गई निधियां अबद्ध निधियां हैं न कि परियोजना-वार/राज्य-वार। स्वीकृतियों और परियोजना लक्ष्यों के आधार पर निधियां वर्ष के दौरान जारी की जाती हैं। पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में सागरमाला योजना के अंतर्गत केरल में 6.62 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई थी।

यह जानकारी आज लोकसभा में केन्द्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने लिखित उत्तर में दी।

 

बंदरगाहों में सुरक्षा और संरक्षा के लिए निम्नलिखित नई पहलें अथवा प्रौद्योगिकियां प्रारंभ की गई हैं :

  1. मर्चेंट शिपिंग (जहाज और पत्तन सुविधा सुरक्षा) नियम 2024 को केंद्र सरकार द्वारा 19 जून 2024 को अधिसूचित किया गया है। ये नियम सुरक्षा परिपाटी [एसओएलएएस (समुद्र में जीवन की सुरक्षा के लिए अंतर्राष्ट्रीय परिपाटी) और आईएसपीएस संहिता जो एसओएलएएस अध्याय XI-2 के अंतर्गत लागू हुई है] के प्रावधानों के संबंध में बनाए गए हैं
  • II. बड़े बंदरगाहों में रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान प्रणाली और बायोमीट्रिक प्रणाली के उपयोग सहित वर्तमान एक्सेस नियंत्रण प्रणाली के आधुनिकीकरण के लिए कदम उठाए हैं। इसके अतिरिक्त, सभी बड़े बंदरगाहों पर क्लोज्ड सर्किट टेलीविजन (सीसीटीवी) लगाए गए हैं।

 

केरल की तटीय रेखा पर समुद्री सुरक्षा और संरक्षा बढ़ाने के लिए निम्नलिखित उपाय किए गए हैं:

 

  1. तटीय सुरक्षा योजना को सभी तटीय राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में दो चरणों-चरण-I (2005-2011) और चरण-II (2012-2020) में कार्यान्वित किया गया था। इस स्कीम के अंतर्गत, केरल ने 18 तटीय पुलिस स्टेशनों और 02 जेट्टियों की स्थापना की और 24 इंटरसेप्टर नौकाएं (12 टन और 5 टन), 26 चार पहिया वाहन और 56 मोटर साइकिलें खरीदीं।
  • II. तटीय सुरक्षा समीक्षा संबंधी संचालन समिति (एससीआरसीएस) के निर्देशों के अनुपालन में नोडल अधिकारी तटीय सुरक्षा, केरल की नियुक्ति की गई।

 

सागरमाला मंत्रालय की एक प्रमुख केंद्रीय योजना है। सागरमाला योजना के लिए वित्त मंत्रालय द्वारा प्रदान की गई निधियां अबद्ध निधियां हैं न कि परियोजना-वार/राज्य-वार। स्वीकृतियों और परियोजना लक्ष्यों के आधार पर निधियां वर्ष के दौरान जारी की जाती हैं। पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में सागरमाला योजना के अंतर्गत केरल में 6.62 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई थी।

यह जानकारी आज लोकसभा में केन्द्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने लिखित उत्तर में दी।

Pradeep Tiwari

Pradeep Tiwari

मैं, प्रदीप तिवारी, पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता से जुड़ा हूँ। सबसे पहले, मैं एक स्थानीय समाचार चैनल में एक रिपोर्टर के रूप में शामिल हुआ और फिर समय के साथ, मैंने लेख लिखना शुरू कर दिया। मुझे राजनीति और ताज़ा समाचार और अन्य विषयों से संबंधित समाचार लिखना पसंद है।

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