मनरेगा मद व सामुदायिक सहयोग से एक-एक सेड बनाया जायें: शुक्ला
गौवंश के पानी और आहार की समुचित व्यवस्था की जाये, सड़कों पर आवारा घुमते न पाये जाए मवेशी
कलेक्टर चन्द्रशेखर शुक्ला ने मनरेगा जिला पंचायत के पत्र क्रमांक 186 सीएसटी एफ 2/2024 15 जुलाई के परिपेक्ष्य में समीक्षा करते हुये राजस्व एवं जिला पंचायत के अधिकारियों को इस आशय के निर्देश दिये है कि निराश्रति गौवंश की समस्या से इस समय देश के साथ-साथ जिला भी व्यापक स्तर में जूझ रहा है।
प्राचीन काल से ही गौवंश ग्राम जीवन की रीढ़ रही है। लेकिन कालंतर में हो रहे विभिन्न प्रकार के प्रयोग और तकनीकी के आ जाने से गौवंश की उपदेयता कम होती चली गई है। वर्तमान में गौवंशो को इनके पालकों ने निराश्रति अवस्था में छोड़ दिया जा रहा है। ऐसे गौवंश यहां-वहां भटकते हुये या तो मार्ग में दुर्घटना कारित करते है तथा अचानक काबिलत हो रहे है। साथ ही गौवंश बड़ी संख्या में गांव के फसलों को नष्ट करते है। जिससे किसानों में व्याप्त असंतोष होता है। इसके निदान के लिए ग्राम स्तर पर व्यवस्था किया जाना आवश्यक है। कलेक्टर ने निर्देश दिये है कि प्रत्येक राजस्व ग्राम में उपलब्ध चरनोई की शासकीय भूमि का चिन्हांकन एवं सीमांकन कर ग्राम पंचायत को उपलब्ध कराया जायें। प्रत्येक पंचायतें अपने अंतर्गत आने वाले गौवंशों का आकलन कर विभिन्न आकार के सर्व सुविधायुक्त एवं गुणवत्तायुक्त बाड़े बनायें जहां पर गौवंश की संख्या ज्यादा है। वहा मनरेगा 15वें वित्त अन्य उपलब्ध मद अथवा सामुदायिक सहयोंग से एक एक सेड भी बनायें जायें। गौवंश के पानी और आहार की समुचित व्यवस्था किया जाये। गौवंशों के चराई के लिए एक या अधिक संख्या में चरवाहों की भी व्यवस्था किया जाये। ताकि उनका स्वास्थ्य और भोजन सुनिश्चित किया जा सके। यह व्यवस्था आवश्यक और अनिवार्य रूप से रहेगी। गांव के सेवाभावी लोगों को इन गतिविधियों से जोड़ा जाये। गर्भवती एवं दूध पिलाने वाली गायों के लिए अलग से समुचित व्यवस्था किया जायें। पंचायतों में उपलब्ध 15वें वित्त एवं मनरेगा के राशि का व्यय करें। कलेक्टर ने पंचायतों को यह भी निर्देश दिये है कि कोई भी निराश्रित गौवंश न रहे तथा खेती में अथवा सड़को में घूमता न पाया जायें। वही जिलें में मुख्यमंत्री गौ सेवा योजना के अंतर्गत निर्मित एवं संचालित गौंशालाओं के संचालक इस विषय में सार्थक भूमिका का निर्वहन करें।
मनरेगा मद व सामुदायिक सहयोग से एक-एक सेड बनाया जायें: शुक्ला
Pradeep Tiwari
मैं, प्रदीप तिवारी, पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता से जुड़ा हूँ। सबसे पहले, मैं एक स्थानीय समाचार चैनल में एक रिपोर्टर के रूप में शामिल हुआ और फिर समय के साथ, मैंने लेख लिखना शुरू कर दिया। मुझे राजनीति और ताज़ा समाचार और अन्य विषयों से संबंधित समाचार लिखना पसंद है।
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