भू-राजनीतिक चुनौतियों के बीच भारत का बाह्य क्षेत्र मजबूत रहा
भारत का कुल व्यापार घाटा वित्त वर्ष 2023 में 121.6 बिलियन डॉलर की अपेक्षा वर्ष 2024 में 78.1 बिलियन डॉलर रहा
भारत वैश्विक स्तर पर 7वां बड़ा सेवा निर्यातक देश बना
भारत विश्व में दूर-संचार, कंप्यूटर, सूचना सेवा निर्यात में दूसरे स्थान पर
भारत की वैश्विक मूल्य श्रृंखला से संबंधित व्यापार में हिस्सेदारी वर्ष 2019 में 35.1 प्रतिशत से बढ़कर 2022 में 40.3 प्रतिशत हुई
भारत के लॉजिस्टिक्स परफोर्मेंस इंडेक्स में सुधार हुआ
व्यापारिक आयात में कमी और सेवा निर्यात में वृद्धि से चालू खाता घाटे (सीएडी) में सुधार हुआ
वर्ष 2023 में भुगतान में 120 बिलियन डॉलर की प्रमुख उपलब्धि हासिल की
वर्ष 2024 में भारत का भुगतान 3.7 प्रतिशत की दर की वृद्धि से 124 बिलियन डॉलर होने का अनुमान
भारत में उभरते बाजार साझेदारों के बीच सर्वाधिक निवेश आया
वर्ष 2024 में सकल पूंजीगत इनफ्लो पिछले वर्ष के 58.9 बिलियन डॉलर की तुलना में 86.3 बिलियन डॉलर पर रहा
भारत ने वित्त वर्ष 2024 में 44.1 बिलियन अमरीकी डॉलर का सकारात्मक विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) इनफ्लो दर्ज किया
वित्त वर्ष 2024 में अपने उभरते बाजार साझेदारों के बीच रुपया सबसे कम अस्थिर मुद्रा के रूप में उभरा
भारतीय नागरिक विदेशी वित्तीय परिसंपत्ति मार्च 2023 की तुलना में मार्च 2024 में 109.7 बिलियन डॉलर (11.9 प्रतिशत) अधिक 1028.3 बिलियन डॉलर हुई
सकल घरेलू उत्पाद अनुपात मार्च 2023 के अंत में 19 प्रतिशत से मार्च 2024 के अंत तक 18.7 प्रतिशत तक कम हुआ
केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘आर्थिक समीक्षा 2023-24’ पेश करते हुए कहा कि वर्तमान में जारी भू-राजनीतिक चुनौतियों के बीच भारत का बाह्य क्षेत्र मजबूत बना रहा। देश का समग्र व्यापार घाटा वित्त वर्ष 2023 में 121.6 बिलियन डॉलर से वित्त वर्ष 2024 में 78.1 बिलियन डॉलर हो गया।
सेवा व्यापार
आर्थिक सर्वेक्षण में रेखांकित किया गया है कि भारत का सेवा निर्यात, विश्व सेवा निर्यात में प्रमुख रूप से बढ़ा है और यह 1993 में 0.5 प्रतिशत से बढ़कर 2022 में 4.3 प्रतिशत पर आ गया। भारत वर्ष 2001 में 24वें स्थान से अब 7वां सेवा निर्यातक देश बन गया है।
सेवा निर्यात में सॉफ्टवेयर/सूचना प्रौद्योगिकी सेवाएं और व्यापार सेवा निर्यात में वृद्धि हुई है। इसमें भारत के वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) के रूप में उभरने से सहयोग मिला। भारत विश्व में दूर-संचार, कंप्यूटर, सूचना सेवा निर्यात में दूसरे स्थान पर है, जबकि व्यक्तिगत सांस्कृतिक और पुनरसंरचनात्मक सेवा निर्यात में छठा और अन्य व्यापारिक सेवा निर्यात में आठवें स्थान पर है।
वैश्विक क्षमता केंद्रों में वृद्धि बीओपी सेवा तथा अन्य व्यापारिक सेवा क्षेत्र की मौजूदगी से प्रदर्शित होती है। वित्त वर्ष 2024 में 26 प्रतिशत के साथ इसकी दूसरी सबसे बड़ी भूमिका रही। वर्ष 2012 में भारत के बाहर 760 जीसीसी केंद्र कार्यरत थे। जबकि मार्च 2023 में भारत में 1600 से अधिक जीसीसी कार्यरत हैं।