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बांग्लादेश सिविल सेवा के विभिन्न मंत्रालयों से संबद्ध 45 अधिकारियों ने मसूरी और दिल्ली में आयोजित 2 सप्ताह के कार्यक्रम में भाग लिया

Pradeep Tiwari
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बांग्लादेश सिविल सेवा के विभिन्न मंत्रालयों से संबद्ध 45 अधिकारियों ने मसूरी और दिल्ली में आयोजित 2 सप्ताह के कार्यक्रम में भाग लिया


वर्ष 2014-2024 तक, सिविल सेवा के 2700 वरिष्ठ और मध्यम स्तर के अधिकारियों ने एनसीजीजी में क्षमता निर्माण कार्यक्रमों में भाग लिया

 

राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) द्वारा विदेश मंत्रालय (एमईए) के साथ साझेदारी में बांग्लादेश के सिविल सेवकों के लिए आयोजित दो सप्ताह का 72वां क्षमता निर्माण कार्यक्रम (सीबीपी) नई दिल्ली में संपन्न हो गया। 15-26 जुलाई, 2024 तक मसूरी और नई दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम में अपर उपायुक्त, वरिष्ठ सहायक आयुक्त, राजस्व उपायुक्त और उपजिला अधिकारी के रूप में कार्यरत 45 अधिकारियों ने भाग लिया। एनसीजीजी ने विदेश मंत्रालय के साथ साझेदारी में बांग्लादेश, केन्या, तंजानिया, ट्यूनीशिया, सेशेल्स, गाम्बिया, मालदीव, श्रीलंका, अफगानिस्तान, लाओ, वियतनाम, नेपाल, भूटान, म्यांमार, इथियोपिया, इरिट्रिया और कंबोडिया सहित 17 देशों के सिविल सेवकों को प्रशिक्षण प्रदान किया है।

इस कार्यक्रम के समापन सत्र को एनसीजीजी के महानिदेशक और प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) के सचिव श्री वी. श्रीनिवास ने संबोधित किया। अपने समापन भाषण में श्री वी. श्रीनिवास ने भारत और बांग्लादेश के बीच विकास साझेदारी की सराहना करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम ने बांग्लादेश के सिविल सेवा अधिकारियों को नए शासन प्रतिमानों और पहलों के साथ सशक्त बनाया है। एनसीजीजी ने वर्ष 2014-2024 तक विदेश मंत्रालय की सहायता और ढाका में भारतीय मिशन के साथ घनिष्ठ सहयोग से, 2700 बांग्लादेशी सिविल सेवकों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित किए हैं।

समापन सत्र के दौरान प्रतिभागियों के चार समूहों ने प्रमुख विषयों: बांग्लादेश में सार्वभौमिक पेंशन योजना, प्रधानमंत्री की दस विशेष पहल, सुशासन के लिए पांच उपकरण और स्मार्ट बांग्लादेश: समृद्धि का मार्ग- पर प्रस्तुति दी । पाठ्यक्रम समन्वयक और एसोसिएट प्रोफेसर डॉ ए.पी. सिंह ने स्वागत भाषण देते हुए दो सप्ताह के इस कार्यक्रम के बारे में जानकारी प्रदान की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस कार्यक्रम ने बांग्लादेश के मध्य-करियर अधिकारियों को दोनों देशों के सुशासन मॉडल और अनुभवों का आदान-प्रदान करने के लिए मूल्यवान मंच प्रदान किया। पूरे क्षमता निर्माण कार्यक्रम का प्रबंधन पाठ्यक्रम समन्वयक और एसोसिएट प्रोफेसर डॉ ए.पी. सिंह, एसोसिएट पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ मुकेश भंडारी, और एनसीजीजी क्षमता निर्माण टीम के कार्यक्रम सहायक श्री बृजेश बिष्ट द्वारा किया गया । इस अवसर पर एनसीजीजी की मुख्य प्रशासनिक अधिकारी श्रीमती प्रिस्का पॉली मैथ्यू भी उपस्थित थीं।

Pradeep Tiwari

Pradeep Tiwari

मैं, प्रदीप तिवारी, पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता से जुड़ा हूँ। सबसे पहले, मैं एक स्थानीय समाचार चैनल में एक रिपोर्टर के रूप में शामिल हुआ और फिर समय के साथ, मैंने लेख लिखना शुरू कर दिया। मुझे राजनीति और ताज़ा समाचार और अन्य विषयों से संबंधित समाचार लिखना पसंद है।

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