पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय ने “पूर्वोत्तर राज्यों का त्वरित विकास” विषय पर बजट के बाद वेबिनार का आयोजन किया
पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (डीओएनईआर) ने बजट के बाद गुरुवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन एनेक्सी में “पूर्वोत्तर राज्यों का त्वरित विकास” विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार ने की। इसमें सचिव श्री चंचल कुमार, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के योजना सचिवों, वित्त सचिवों और आठ उत्तर पूर्वी राज्यों के रेजिडेंट कमिश्नरों, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय, उत्तर पूर्वी परिषद, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के सीपीएसई और वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने भाग लिया।
पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के सचिव ने सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि, पिछले वर्ष की तुलना में राजकोषीय घाटे में कमी और बुनियादी ढांचे में पूंजीगत व्यय के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपये प्रदान किए जाने को ध्यान में रखते हुए आर्थिक सुधारों पर प्रकाश डाला। इससे उत्तर पूर्वी क्षेत्र (एनईआर) में आवागमन की बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय की सभी चल रही परियोजनाओं में तेजी लाई जाएगी और मंत्रालय की ओर से शुरू किए गए प्रमुख सुधारों की भी रूपरेखा तैयार की जाएगी। इससे परियोजनाओं के लिए समय पर बजट वितरण और उनकी अनुमोदन प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग सुनिश्चित होगा।
पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री डॉ. मजूमदार ने कार्यक्रम में अपने संबोधन में उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विज़न पर विश्वास जताया। उन्होंने कहा, “माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के गतिशील नेतृत्व में, विकसित भारत की प्रगतिशील यात्रा उत्तर पूर्वी राज्यों के विकास को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाएगी। विकसित पूर्वोत्तर क्षेत्र ‘सबका साथ, सबका विकास’ के आदर्श वाक्य के साथ विकसित भारत के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
डॉ. मजूमदार ने गरीबों, महिलाओं, युवाओं और किसानों के कल्याण को प्राथमिकता देने वाला लगातार सातवां बजट पेश करने के लिए वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को धन्यवाद दिया। उन्होंने बजट में शिक्षा, रोजगार और कौशल के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये और महिलाओं तथा लड़कियों को लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए 3.00 लाख करोड़ रुपये के आवंटन पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह भी कहा कि गैर-छूट वाले केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों द्वारा पूर्वोत्तर क्षेत्र में महत्वपूर्ण वित्तीय निवेश भी किया गया है, जिसका संचयी व्यय 2014-15 और 2023-24 के बीच 5.22 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
डॉ. मजूमदार ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में वास्तविक व्यय 2023-24 में पहली बार 1.00 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया। 2022-23 से 2025-26 तक 6,600 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ पीएम-डिवाइन यानी पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री की विकास पहल ने बुनियादी ढांचे, सामाजिक विकास और आजीविका परियोजनाओं में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के दृष्टिकोण को दोहराया, जिसमें एससी और एसटी समुदायों और महिलाओं तथा युवाओं की आजीविका पर ध्यान केंद्रित करते हुए 5,900 करोड़ रुपये का आवंटन बढ़ाया गया है।
डॉ. मजूमदार ने यह भी बताया कि “इस मंत्रालय में मेरे वरिष्ठ श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी की गतिशीलता ने पहले ही उम्मीदों का संचार कर दिया है। उनके व्यापक अनुभव से सीखते हुए, मैं विकसित उत्तर पूर्वी क्षेत्र की अपनी यात्रा के दौरान आप सभी तक पहुंचने का प्रयास करूंगा।
डॉ. मजूमदार ने बताया कि वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्रों में इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक की 100 शाखाएं खोली जाएंगी। ये शाखाएं उत्तर पूर्वी राज्यों के भाइयों और बहनों के लिए बैंकिंग सेवाओं को अधिक सुलभ, किफायती और विश्वसनीय बनाएंगी। इस वेबिनार में अगरतला-अखौरा रेलवे लिंक, सेला टनल, कामाख्या कॉरिडोर, कलादान मल्टी-मोडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट और भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन जैसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को कनेक्टिविटी और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता के उदाहरण के रूप में उजागर किया गया।
इस कार्यक्रम में पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय की चल रही विभिन्न योजनाओं जैसे पीएम-डिवाइन, एनईएसआईडीएस (सड़कें), एनईएसआईडीएस (ओटीआरआई), उत्तर पूर्वी परिषद (एनईसी) के विशेष पैकेज और योजनाएं पर एक विस्तृत प्रस्तुति भी दी गई।