जनजातीय कार्य मंत्रालय ने योजनाओं की प्रगति समीक्षा करने तथा विजन 2047 और 100 दिन की कार्ययोजना पर विचार-विमर्श करने के लिए दो दिवसीय मंथन शिविर का आयोजन किया
जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा योजनाओं की प्रगति-समीक्षा करने तथा विजन 2047 और मंत्रालय की 100 दिवसीय कार्य योजना पर विचार-विमर्श करने के लिए 18-19 जुलाई को नई दिल्ली में दो दिवसीय मंथन शिविर का आयोजन किया गया।
राज्य जनजातीय कल्याण विभागों के प्रधान सचिवों, सचिवों, निदेशकों और अधिकारियों को अपने उद्घाटन संबोधन में सचिव (जनजातीय कार्य) श्री विभु नायर ने जनजातीय विकास के चार प्रमुख क्षेत्रों – स्वास्थ्य, आजीविका, शिक्षा और वन अधिकार – में चुनौतियों का समाधान करने और विजन 2047 के लिए रोडमैप तैयार करने की आवश्यकता दोहराई।
मंथन शिविर के तहत वन अधिकार अधिनियम, आजीविका, छात्रवृत्ति, पीएम जनमन, ईएमआरएस, स्वास्थ्य और टीआरआई परियोजनाओं पर विषयगत कार्यशालाएं आयोजित की गईं। प्रतिभागियों ने एक मजबूत प्रतिक्रिया तंत्र बनाने और मौजूदा योजनाओं के कार्यान्वयन में बाधाओं को दूर करने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया।
प्रतिभागियों ने छात्रवृत्ति योजनाओं के सामंजस्य को प्राप्त करने के तरीकों पर चर्चा की और धोखाधड़ी को रोकने के साधन के रूप में जैव-प्रमाणीकरण पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने दावों की लंबितता को दूर करने, क्षेत्र के नक्शे बनाने और आदिवासियों के बीच उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया। मॉडल मामलों से सर्वोत्तम प्रथाओं ने विचार के लिए भोजन प्रदान किया।