ये दिशानिर्देश हरित हाइड्रोजन (जीएच2) क्षेत्र में निर्दिष्ट मानकों/दिशानिर्देशों के अनुरूप मजबूत गुणवत्ता और परीक्षण इकोसिस्टम पर बल देते हैं
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत मानकों और विनियामक फ्रेमवर्क के विकास के लिए परीक्षण सुविधाओं, बुनियादी ढांचे और संस्थागत सहायता के वित्तपोषण के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) द्वारा आज (4 जुलाई, 2024) ये योजना दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।
ये योजना हरित हाइड्रोजन और इसके व्युत्पन्नों की मूल्य श्रृंखला में घटकों, प्रौद्योगिकियों और प्रक्रियाओं के लिए मौजूदा परीक्षण सुविधाओं में कमी की पहचान करने में मदद करेगी। ये योजना विश्वसनीय और सुरक्षित संचालन सुनिश्चित करने के लिए नई परीक्षण सुविधाओं को स्थापित करने और मौजूदा परीक्षण सुविधाओं के उन्नयन का समर्थन करेगी।
इस योजना को कार्यान्वित करने में वित्तीय वर्ष 2025-26 तक कुल 200 करोड़ रुपये की लागत आएगी।