एनसीएल ने बुलाई बैठक, प्रबंधन का रूख देख एसपीएम ने किया बहिष्कार
एनसीएल मुख्यालय का घेराव 24 को
सिंगरौली पुर्नस्थापना मंच द्वारा 24 जुलाई को एनसीएल मुख्यालय के घेराव की घोषणा के बाद एनसीएल प्रबंधन द्वारा सोमवार को समस्याओं के निराकरण करने एसपीएम के सदस्यो की बैठक बुलाई गई थी। एनसीएल मुख्यालय में दोपहर करीब एक दर्जन पहुंचे लोगो में से 5 लोगो को बैठक मे शामिल होने की बात पर एसपीएम का कहना था कि सभी कोर सदस्य आए है सभी को बैठक में शामिल किया जाय। प्रबंधन द्वारा केवल 4-5 लोगो को ही बैठक में शामिल होने की अड़ियल रवैया पर एसपीएम के लोग बैठक का बहिष्कार कर वापस आ गये। गौरतलब है कि एनसीएल द्वारा 20 जुलाई को मुआवजा नीति जारी करने के बाद एसपीएम समेत कई लोगो में असंतोष खुलकर दिखाई देने लगा है। सिंगरौली पुर्नस्थापना मंच के बैनर तले 24 जुलाई को सुबह 10 बजे से एनसीएल मुख्यालय का घेराव कर विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। जिसके लिए बैठक कर रणनिति तैयार की जा रही है। वही लोगो को आंदोलन के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है। एनसीएल द्वारा जारी मुआवजा नीति में कलेक्टर गाईड लाइन पर जमीन का रेट एवं पीडब्ल्यूडी गाईड लाइन पर मकानो या परिसंपतियो का रेट एवं फारेस्ट विभाग के गाईड लाइन पर पेड़ पौधो आदि का मुआवजा बनाने नीति जारी किया गया है। एसपीएम की माने तो मुआवजा नीति में काफी विसंगतियों को लेकर एसपीएम ने एनसीएल मुख्यालय का घेराव कर प्रदर्शन करने का रणनीति बना रहा है। मालूम हो कि एनसीएल द्वारा जयंत एवं दुधीचुआ खदान विस्तार के लिए मोरवा क्षेत्र में करीब 1485.66 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण के लिए 9 फरवारी 2024 को धारा 9 लगाने के बाद जिला प्रशासन, एनसीएल सिंगरौली टीआईएसएस मुंबई की संयुक्त टीम द्वारा भूमि और संपति का भौतिक सर्वेक्षण किया जाना था। लेकिन टीआईएसएस टीम द्वारा एनसीएल की टीम के साथ ही भौतिक सत्यापन किया जा रहा है। इधर 24 जुलाई को एनसीएल मुख्यालय के घेराव के लिए एसपीएम की टीम ने अधिक से अधिक संख्या में लोगों के पहुंचने की अपील की है।
एनसीएल मुख्यालय का घेराव 24 को
सिंगरौली पुर्नस्थापना मंच द्वारा 24 जुलाई को एनसीएल मुख्यालय के घेराव की घोषणा के बाद एनसीएल प्रबंधन द्वारा सोमवार को समस्याओं के निराकरण करने एसपीएम के सदस्यो की बैठक बुलाई गई थी। एनसीएल मुख्यालय में दोपहर करीब एक दर्जन पहुंचे लोगो में से 5 लोगो को बैठक मे शामिल होने की बात पर एसपीएम का कहना था कि सभी कोर सदस्य आए है सभी को बैठक में शामिल किया जाय। प्रबंधन द्वारा केवल 4-5 लोगो को ही बैठक में शामिल होने की अड़ियल रवैया पर एसपीएम के लोग बैठक का बहिष्कार कर वापस आ गये। गौरतलब है कि एनसीएल द्वारा 20 जुलाई को मुआवजा नीति जारी करने के बाद एसपीएम समेत कई लोगो में असंतोष खुलकर दिखाई देने लगा है। सिंगरौली पुर्नस्थापना मंच के बैनर तले 24 जुलाई को सुबह 10 बजे से एनसीएल मुख्यालय का घेराव कर विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। जिसके लिए बैठक कर रणनिति तैयार की जा रही है। वही लोगो को आंदोलन के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है। एनसीएल द्वारा जारी मुआवजा नीति में कलेक्टर गाईड लाइन पर जमीन का रेट एवं पीडब्ल्यूडी गाईड लाइन पर मकानो या परिसंपतियो का रेट एवं फारेस्ट विभाग के गाईड लाइन पर पेड़ पौधो आदि का मुआवजा बनाने नीति जारी किया गया है। एसपीएम की माने तो मुआवजा नीति में काफी विसंगतियों को लेकर एसपीएम ने एनसीएल मुख्यालय का घेराव कर प्रदर्शन करने का रणनीति बना रहा है। मालूम हो कि एनसीएल द्वारा जयंत एवं दुधीचुआ खदान विस्तार के लिए मोरवा क्षेत्र में करीब 1485.66 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण के लिए 9 फरवारी 2024 को धारा 9 लगाने के बाद जिला प्रशासन, एनसीएल सिंगरौली टीआईएसएस मुंबई की संयुक्त टीम द्वारा भूमि और संपति का भौतिक सर्वेक्षण किया जाना था। लेकिन टीआईएसएस टीम द्वारा एनसीएल की टीम के साथ ही भौतिक सत्यापन किया जा रहा है। इधर 24 जुलाई को एनसीएल मुख्यालय के घेराव के लिए एसपीएम की टीम ने अधिक से अधिक संख्या में लोगों के पहुंचने की अपील की है।