उपभोक्ता कार्य विभाग ने साक्ष्य-आधारित ब्रेथ एनालाइजर के लिए मसौदा नियमों पर टिप्पणी प्रस्तुत करने की समय-सीमा बढ़ाई
परीक्षणाधीन नियमों के मसौदे पर विभिन्न सुझाव प्राप्त हुए
भारत सरकार के उपभोक्ता कार्य विभाग ने विधिक माप विज्ञान (सामान्य) नियम, 2011 के अंतर्गत श्वास में अल्कोहल की मात्रा के मापन एवं प्रदर्शन के लिए साक्ष्य आधारित ब्रेथ एनालाइजर के लिए मसौदा नियमों पर सार्वजनिक टिप्पणियां 26.07.2024 तक मांगी हैं, जिन्हें विभाग की वेबसाइट पर डाला गया है।
विभाग को कुछ सुझाव/ टिप्पणियां प्राप्त हुई हैं, जो वर्तमान में परीक्षणाधीन हैं। हालाँकि, मामले के महत्व को देखते हुए, समयसीमा अर्थात 26.07.2024 को बढ़ाने का निर्णय लिया गया है और टिप्पणियां अब 16.08.2024 तक प्रस्तुत की जा सकती हैं।
टिप्पणियां ईमेल द्वारा ashutosh.agarwal13[at]nic[dot]in, dirwmca[at]nic[dot]in, mk.naik72[at]gov[dot]in पर भेजी जा सकती हैं और मसौदा नियमों को नीचे दिए गए लिंक: https://consumeraffairs.nic.in/sites/default/files/file-uploads/latestnews/Draft_Rule_Breath_Analyser.pdf के माध्यम से देखा जा सकता है।
भारत सरकार के उपभोक्ता कार्य विभाग के विधिक मापविज्ञान प्रभाग ने विधिक मापविज्ञान (सामान्य) नियम, 2011 के अंतर्गत साक्ष्य आधारित ब्रेथ एनालाइजर के लिए नियमों के नए मसौदे को जारी किया है। इन नियमों के मसौदे का उद्देश्य कानून प्रवर्तन और कार्यस्थलों द्वारा उपयोग किए जाने वाले श्वास विश्लेषकों की सटीकता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करना है, जिससे सार्वजनिक सुरक्षा और विश्वास में वृद्धि होगी।
नए नियमों के अनुसार साक्ष्य श्वास विश्लेषकों को मानकीकृत परीक्षण प्रक्रियाओं का पालन करना होगा, जिससे विभिन्न उपकरणों पर सुसंगत और विश्वसनीय परिणाम सुनिश्चित होंगे। यह मानकीकरण प्रवर्तन कार्यों की निष्पक्षता और सटीकता में जनता का विश्वास बढ़ाता है।
सत्यापित और मानकीकृत साक्ष्य आधारित ब्रेथ एनालाइजर सांस के नमूनों से रक्त में अल्कोहल की मात्रा को सटीक रूप से मापेंगे, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि नशे में धुत व्यक्तियों की पहचान तेजी से और प्रभावी ढंग से की जा सके। इससे सड़क पर शराब से संबंधित घटनाओं को रोकने में मदद मिलती है, जिससे सभी के लिए सुरक्षित यात्रा में योगदान मिलता है।